औरत:खुद की सबसे बड़ी दुश्मन

मेरी नज़र में औरत खुद अपनी सबसे बड़ी दुश्मन है.आज औरतों पर होनेवाला हर जुर्म, अत्याचार, और भेदभाव की वजह खुद औरत है. किसी ने ये नहीं सोचा होगा कि उनके साथ होनेवाला भेदभाव कि वजह उनकी सोच है. उनकी अपनी सोच हीं उन्हें  इस मोड़  पर खड़ा  कर दिया है कि वो कही भी खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करती है. वो खुद ही  ऐसी कारन  है जिसने अपने महत्त्व को घटाया है. शाश्त्रों में हमें जननी लक्ष्मी दुर्गा सर्स्वती कहा गया है  पर आज ऐसा आज ऐसा क्या बदल गया है हमारे महत्त्व को नहीं समझा जा रहा है. ऐसा नहीं है कि बारे शहरों में हमें भी हर चीजों कि आज़ादी दी गयी है क्या फिर भी हम खुद को सुरक्षित पातें हैं? आकरों से देखा जाये तो बारे शहरों  में ही हमारें साथ ज्यादा  दुर्वयवहार होता है.क्यों लोग हमपर अत्याचार करते हैं?इसका जबाब आज पूछा जाए तो शायद किशी के पास नहीं है पर वजह के बारे में सवाल किया जाए तो कोए भी इसका दोष खुद पर न लेकर इसका जिम्मेदार दूसरे को बताते हैं .
   अगर हम एक बच्चे कि जन्म से लेकर उसके पालन -पोषण ,उसकी पढाई -लिखाई,उसकी शादी तथा जिंदगी के हर मोर पर उसके बेटा या बेटी होने पर उसके महत्त्व में कितना फर्क होता है ये सब फर्क उसके माँ द्वारा किया जाता है जो खुद भी एक औरत है. वो  इस तरह के फर्क करते समय ये भूल जाती है कि वो खुद भी एक औरत है.और एक औरत होकर अपनी बेटी से ज्यादा अपने बेटे से ज्यादा स्नेह करते समय उसके मन में ग्लानी नहीं होती है क्या?क्या उसे ऐसा करते समय ऐसा नहीं महसूस होता है कि वो अपनी बेटी के साथ -साथ पूरी  नारी जाति  के साथ अन्याय कर रही है.जब माँ होकर अपनी बेटी के साथ भेदभाव कर सकती है तो समाज हमारे साथ भेदभाव कर रही है तो इसमें कोई  गलत बात तो नहीं है .जब हम अपने साथ खुद अन्याय करते हैं तो औरों से क्या उम्मीद कर सकते हैं?
प्रीति,आस्था नेट,मधेपुरा 

2 comments:

Shivprakash said...

Bahut achha likha.Ak aurat hi aurat ka sabse bada shatru hai.Pata nahi bhagwan ne kis mitty se banaya hai is jiv ko jo achha bura ko samajh hi nahi pati.Aisi auraton ki mamta mar chuki hai kya? Parantu yah v akatya sach hai ki aurat hi hai jo kafi kuchh sah kar v hamesa se puruson ke kandhe se kandha mila kar sari samajik bandhano ko jivant rakhne ka karya ki hai.Aise hi nahi kaha jata auraton ko mamta ki devi. Auraton ki mamta ko mera shat shat naman.

SUBRAT GAUTAM said...

Really aapne to dukhti rag pr hath rakh diya.

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