हमारे माननीय भ्रष्टाचारी जी

हमारे नेताजी की क्या कहने |हमारे नेताजी भ्रष्टाचार की खान है जिसके जेब में भ्रष्टाचार ऐसे समाये है जेसे अंबानी के बैंक अकाउंट में पैसे | यदि ये भ्रष्टाचार की पोटली खोलना शुरू कर दे तो इससे निकला भ्रष्टाचार दुनिया के सभी भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार से ज्यादा होंगी |
                                     इस देश में सिर्फ नेता ही भ्रष्टाचारी नहीं है नेताओं के चमचे तो भ्रष्टाचारी में उनसे कही आगे है लेकिन गिने तो उसी में जाएगें क्योकि है तो उसी के फूल-पत्ती|
                                     यहाँ भ्रष्टाचार उपर से नीचे तक फैला हुआ है यानि सर से लेकर पाँव तक |जब सर पर भ्रष्टाचार बैठा हो तो पाँव तो भ्रष्टाचार में ही रहेगा |
                                                                किसी महकमे या बिभाग को ले लीजिए बिना घूस दिए कम नहीं बनेगा -जैसे ब्लाक में छोटा काम करवाना हो तो चपरासी को पैसे दो उससे बड़ा काम करवाना हो तो किरानी को पैसे दो यदि इनसे भी बड़ा काम करवाना हो तो हमारे प्रखंड विकाश पदाधिकारी जी है इनसे संपर्क करे ले-दे कर सौदा पक्का करे और आसानी से काम करवा ले |आपका काम भी आसानी से हो जायगा इनको भी कुछ उपरी आमदनी हो जायगी |इस बारे में मैं अपना अनुभव सुनाता हूँ ----------
                                                                                    मुझे एक बार मेडिकल का फॉर्म भरने के लिए आवासीय की जरुरत पड़ी ,फॉर्म लिया तो पता चला की वार्ड सदस्य जी से हस्ताक्षर करवाना है पुरे दिन बीत गए महोदय को खोजने में तब कही जाकर रात के 8 बजे उनसे भेंट हुई |अगले दिन पंहुचा ब्लाक और फॉर्म जमा किया और पूछा की भैया कब दोगे तो जबाब मिला एक सप्ताह बाद ले जाना लेकिन हमें तो अगले ही दिन फॉर्म भेजना था तो सोचा अब क्या होगा|भ्रष्टाचार के किस्से तो खूब सुने थे सोचा की आजमाया जाय |उस चपरासी को अलग में बुलाकर कहा भैया 10  रुपैया ले लो लेकिन कल दे दो तो तो उसने कहा हम क्या करे साहब तो छुट्टी पार है |हमने कहा कुछ ज्यादा ले लो लेकिन कल दे दो बोला भैया सोचेंगे तो हम बोले की भैया ये लो 50 रूपया और हमें कल चाहिए तो कहता सुबह 10 बजे आकार ले जाइएगा | हम आवक की साहब रात में कहाँ मिलेंगे या फिर साहब 50 रूपया में मिलने लगे |खैर आवासीय बना और फॉर्म जमा किया |
                                                                     ये तो सिर्फ एक उदहारण है ऐसे उदहारण आपको जगह-जगह मिल जायेंगे |स्कूल में नामांकन करवाना हो,कोई प्रमाण पत्र निकलना हो पैसे दोगो तो तुरंत वरना सप्ताह बाद |ट्रेन में टिकट कन्फर्म कराना हो तो टी. टी. को पैसे दो टिकट कन्फर्म |परीक्षा में ज्यादा नंबर चाहिए तो परीक्षक को पैसे दो ज्यादा नंबर पाओ | नौकरी चाहिए तो पैसे दो नौकरी पाओ| आदि-आदि कई तरह के सजीव उदहारण हमें रोजाना मिलते है |
                                                                                                  अतः हमारे यहाँ भ्रष्टाचार एक व्यवसाय बन गया है इस व्यवसाय को फलने फूलने दिया जाय क्योकि इससे हमारा काम भी जल्दी होता है |अतः अपना काम जल्दी करवाने के लिए हमें भ्रष्टाचार में सहयोग करना चाहिए
                                          जय भ्रष्टाचार,जय भ्रष्टाचारी !

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