शिक्षा और शिक्षा मंत्री जी

हमारी वर्तमान शिक्षा को अच्छा  से अच्छा बनाने की कोशिश हो रही है लेकिन शायद पुराने समय की शिक्षा ही अच्छी थी क्योकि उस समय शिक्षा को लाकर इतना तनाव छात्रों में नहीं रहता था |वर्तमान समय में पढ़ाई को लेकर छात्र इतने परेशान रहते है की वह पढाई पर जितना ध्यान देते है उससे कही ज्यादा ध्यान उसका पाठयक्रम में होने वाले बदलाव पर रहता है |
                                                         मैं एक शिक्षक होने  के नाते इसको अच्छी तरह से समझ सकता हूँ की छात्र पाठ्यक्रम को लाकर कितना परेशान रहते है |वह पढ़ाई पर कम ध्यान दे पते है जबकि इन्टरनेट पर बैठ कर पाठ्यक्रम की जानकारी ज्यादा लेते है |
                                                             सी.बी. एस. ई. पाठ्यक्रम में इस बदलाव के लिए पूरी तरह से हमारे शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल जी पूर्णरूप से जिम्मेदार है जिन्होंने छात्र पर पढ़ाई का बोझ कम करने के बजाय बढ़ा ही दिया है |उन्होंने परीक्षा के स्वरूप में जो बदलाव किये है उससे छात्र पढ़ाई के बजाय स्कूल राजनीती में ज्यादा भाग लेने लगे है और स्कूल को भी छात्र की पढ़ाई का ध्यान कम और अपना मान बढ़ाने में ज्यादा रूचि हो गयी है | उदहारण  के लिए वर्ग नवम एवं दशम के परीक्षा में किये गए बदलाव के अनुसार बोर्ड  परीक्षा में केवल आधा सिलेबस से ही प्रश्न पूछे जायेंगे जबकि आधे की परीक्षा सम्बंधित स्कूल ही लेंगी तथा वही अंक प्रदान करेंगे |इस तरह से विद्यार्थी तो केवल आधे परीक्षा के लिए पढंगे जो बोर्ड लेंगी जबकि आधे के लिए वे निश्चित है क्योकि उसका अंक स्कूल देंगी तथा कोई भी स्कूल नहीं चाहेंगी की उसका विद्यार्थी कम अंक लाये तथा फ़ैल हो |वह सभी को 95%से ज्यादा अंक देंगी |
                                                                दूसरी बात दूसरी छमाही की परीक्षा जो बोर्ड लेंगी उससे केवल 60% अंक ही जुटेगा जबकि 40% अंक पहले के प्राप्तांक से दिए जायंगे और सभी स्कूल अपने विद्यार्थी को पूरा पूरा अंक दे देंगी तो कोई विद्यार्थी फ़ैल होगा ही नहीं तथा उसके पढने की प्रवर्ति भी कम होंगी क्योकि वह तो सिर्फ 20% पढ़ कर ही फर्स्ट क्लास पास हो सकता है |इस तरह विद्यार्थी का पढ़ाई से रूचि ख़तम होते जायेंगी |
                                                             अतः हमारे मंत्री जी को चाहिए की वह केवल जो सोच रहे वही सिर्फ नहीं सोचे बल्कि इसको भी सोचे की क्या इस तरह से विद्यार्थी पढना नहीं छोड़ देगा क्योकि वह तो सिर्फ  स्कूल राजनीती में पकड़ बना कर ही तो पास हो सकते है | 
                          --मिथिलेश,मधेपुरा 

1 comments:

Yash Raj said...

this is wrong dude u r not know more about it.
Just read its new feedback by cbse than say than say this is wrong understand

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