भगवन श्री राम के हाथों मारा गया रावण फिर से हमारे समाज के सभी लोगों के मन में अपना शासन कर रहा है, एक लंका तो हनुमान ने जला दी, लेकिन इतने सारे लंका को जलाने कलयुग में कौन आएगा | त्रेता युग में तो एक रावण था ,एक लंका थी, लेकिन कलयुग के रावण ने तो हर आदमी के मन में प्रवेश कर अपने साम्राज्य का विस्तार कर लिया है| कलयुग के रावण ने पूरी श्रृष्टि में अपना एकाधिकार कायम कर लिया है| यहाँ के लोग दशहरा में एक रावण के पुतले का दहन कर बहुत ख़ुशी मानते हैं ,ये सोच कर की हमने रावण का दहन कर दिया, लेकिन हमें इस बात का दुःख होना चाहिए की हम अपने अंदर के और अपने समाज के रावण को आज भी नही मार पाए हैं , रावण आज भी जिन्दा है, और घोर अट्टाहास कर रहा है| अगर हमें अपने समाज के रावण को मारना है तो अपने समाज में फैली सभी बुराइयों को दूर करना पड़ेगा| कन्या भ्रूण हत्या , दहेज़ प्रथा, बाल विवाह, बाल मजदूरी, चोरी, अपहरण, जैसे कई ऐसी बुराइयाँ हैं जो अजगर की तरह समाज को निगलती जा रही है, दावानल की तरह समाज को जलाती जा रही है, सुनामी की तरह हमारे सामाजिक जीवन को तहस नहस करती जा रही है, और इसका सबसे बड़ा कारण है अशिक्षा,सबसे पहले तो अपने समाज को शिक्षित होने की जरुरत है| इससे पहले की रावण हमारी जिन्दगी को पूरी तरह बर्बाद कर दे, हमे अभी भी अपने समाज की और अपने मन की लंका और रावण का दहन कर लेना चाहिए.
पल्लवी राय-मधेपुरा
3 comments:
mind blowing.................keep it up.
Aaj ke ees modern yug me ye kis jamane ki bat kar rahen hai .Duniya jis gati se aage ja rahi hai usi gati se bas aage badhte jana hi jindagi ki demand hai.Aage badhne aur kuchh kar pane ke liye apna hausla aur apni mutthi me dam hona chahiye,duniya khud aapke kadmo me jhuk jayegi.
aap sayad meri baton ko ya to thik se samajh nhi paye hain,,,, ya aap kya kehna chah rhe hain wo meri samajh se bahar hai shivprakash uncle...........
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