अन्धविश्वास की अंधी दौर

आज के इस आधुनिक युग में हमने और हमारे देश के  लोगों ने अपने आप में काफी बदलाव लाया है,हम तो आधुनिक हो गये लेकिन हमारी सोच अभी भी नही बदल पाई है, आज  भी हमारे समाज में अन्धविश्वास ,रूढ़िवादिता जैसी समाज के विकास में बाधा उत्पन्न करने वाली परम्पराएँ जस की तस कायम हैं| हमने सिर्फ अपने तन को आधुनिक बनाया है, मन को नही| इन बुराइयों ने हमारे समाज को अपंग बना दिया हैइस अन्धविश्वास की अंधी दौर में हम इतने आगे निकल गये हैं की सही और गलत का फर्क हीं  नहीं  दिखाई देता है | ये अन्धविश्वास का ही परिणाम है की आज हम चाहे कितने भी  बुरे काम कर लें लेकिन  अपने देवी देवताओं  को खुश करने के लिए लाखों का चढ़ावा चढ़ाने से नहीं  चुकते | वहीं बाहर खड़ा  कोई गरीब उनसे १ रुपया क्या मांग ले उनकी भोंहें तन जाती है, बहुत काम ऐसे लोग होंगे जो समझते होंगे की भगवान को आपके उन रुपयों ,फल,फूल जैसे चढ़ावों से कोई लेना देना नहीं है, भगवान भी वैसे लोगों से खुश होते हैं,जो अछे कर्म किया करते हैं , आज के भगवान भी आधुनिक हो गये हैं, उन्हें भी फल,फूल,के साथ अच्छे कर्मों का भी  चढ़ावा चाहिए होता है, तभी वे खुश होतें हैं| अगर हमने इन अन्धविश्वास और रुढ़िवादी परम्पराओं  को अपने समाज से दूर नही करेंगे तब तक भगवन भी हमारा कुछ भला नही कर सकते हैं| अगर सच में हम अपने  भागवान में आस्था रखते हैं तो अपने समाज से इन बुराइयों का नामोनिशान मिटाना होगा, तभी हम अपने भगवान को भी खुश रख पाएंगे, और खुद भी खुश रहेंगे|.
                                                                       पल्लवी राय , मधेपुरा

1 comments:

Suraj Yadav said...

No matter which part of the world you tour, you will find the natives nurturing certain beliefs and superstitions and India is no exception in this case. Though the Indian society is fast progressing, there are many people who are still superstitious and have a strong faith in the local beliefs. While some of them are quite hilarious, few others are really interesting, as many aspects of life are linked to them. Few beliefs even find their way into the Indian religious texts and scriptures.

The standard viewpoint is that most of the Indian beliefs and values have sprung with an objective to protect from evil spirits, but some were based on scientific reasoning. With the passage of time, the reasoning part behind the origin of these cultural beliefs and superstitions got eroded. That is exactly why most of these beliefs appear unsubstantiated and false. However, in reality, there are many such beliefs in the Indians culture which are absolutely absurd and have no logic behind them.

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