(स्थायी रचनाकारों की रचनाएं 'विशिष्ट रचनाकार' कॉलम के अंतर्गत उपलब्ध हैं.)
ईश्वर से सवाल / राहुल मिश्रा
जंग की गंध / मिश्रा राहुल
प्रकृति सौंदर्य/ नितिन खरे
अस्थियों के बीच देवभूमि: भारती दास
ओ मेरे केदार बाबा- संजय कुमार गिरि
मैं, संस्कृति और उत्तराँ- सुन्दर कबडोला
सावधान !!!- अरूण कुमार सज्जन
वक्त तु गुन्हेगार है मेरा.../ निशा मोटघरे
शब्द---डॉ.बच्चन पाठक 'सलिल'
मेरा बचपन-राजेन्द्र सिंह कुंवर 'फरियादी'
"मैं होती माँ मैं भी माँ होती"-सुन्दर कबडोला
मेरे जज्बात-देव
मैं और मेरा शहरयार !-किशोर कुमार
क्षीण हुई है नैतिकता-आनंद मूर्ति माथुर
धर्म-संस्कृति -डाँ. सुनील कुमार परीट
जिंदगी लोगे ?-अंशु रत्नेश त्रिपाठी
चर्चा-शशांक मिश्र 'भारती'
मुझे आजादी चाहिए-राजेन्द्र सिंह कुंवर 'फरियादी'
कौन याद रखेगा तेरी तपिश
''अब शेष है "-सुधीर कुमार सोनी
चौखट-2: दो सहेलियों का नारी-विमर्श
चौखट-1: दो सहेलियों का नारी-विमर्श – जय प्रकाश तिवारी
अर्ध से आरंभ – अंकुर पाण्डेय
न मिलकर उदास हुआ करो - नीलिमा शर्मा
मधेपुरा - चन्दन कुमार
जाल और जिंदगी - राजर्षि अरूण
" विद्रोह" - अक्षय नेमा
रिश्ते की डोर- अमर
छल - नीलिमा शर्मा
नन्हीँ सी कली..///भावना मिश्रा
तुम्हे लड़ना है – विद्या गुप्ता
नारी जीवन-हरिगीतिका में- ऋता शेखर 'मधु'
ये जिन्दगी....///कुंदन मिश्रा
माँ....../// कुन्दन मिश्रा
ये प्यार नहीं है खेल प्रिये
यादें एक सपना///अमर दीप
~~~~मै~~~/// हेमंत सरकार
आओ तुम..../// दीपक कुमार दीपांशु
Your soul mate waits for you....
तुझे खाक खाक कर सकते हैं !
तुम कहो तो....!!! ///सुषमा आहुति
नाउन चाची.../// दिव्या
“तिलिस्म”///अमर
नारी तू नारी है !///श्रुति भारती
तोरा केना के भेजबो दिल्ली गे..///सुब्रत गौतम
जाओ चले जाओ…///अमर
जीने को मुझमें मेरा होना जरूरी तो नहीं//वंदना गुप्ता
दामिनी - अरुणा .... कौन कौन !!! /// रश्मि प्रभा
एकटा प्रश्न ///डॉ. शेफालिका वर्मा
अर्पण/// डॉ० शेफालिका वर्मा
कागज में फिर अलाव जलाने लगा/डा० रामलखन सिंह यादव/
क्यूँ नहीं है कोई ...??//अजय ठाकुर
देह के अंदर देह और साँस के अंदर साँस///अरविन्द श्रीवास्तव
दामिनी हम शर्मिन्दा है///आनंद मोहन(पूर्व सांसद)
शुभकामनाएँ..../// डॉ० रामलखन सिंह यादव
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1 comments:
yes yadav g kya khub likha hai aap ne..................
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